यूपी के 10 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन ₹18000 देने की घोषणा लेकिन समस्या नहीं हो रही कम सीएम को लिखा पत्र UP Outsourcing Employees Latest News

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UP Outsourcing Employees Latest News: उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में आउटसोर्स व्यवस्था के अंतर्गत अलग-अलग पदों पर पिछले कई सालों से 10 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी कार्य कर रहे हैं जिसमें चिकित्सा स्वास्थ्य शिक्षा और विद्युत जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को दे रहे हैं यह सभी कर्मचारी विभिन्न सेवा प्रदाता फर्मो द्वारा तैनात किए गए हैं राजकीय विभागों के अंतर्गत लाखों आउटसोर्स कर्मचारी को बेहद कम वेतन प्राप्त हो रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि इन्हें किसी भी प्रकार के वेतन बढ़ोतरी का लाभ नहीं दिया जा रहा है इसी वजह से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के संगठनों द्वारा वेतन बढ़ोतरी की आवाज समय-समय पर उठाई जाती है।

आउटसोर्स कर्मचारी ने सीएम को लिखा पत्र

आउटसोर्स कर्मचारी ने एक बार अपने मानदेय वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है साथ ही यह पत्र विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष को भी लिखा गया है आउटसोर्स कर्मचारी की विभिन्न समस्याओं को लेकर विधानसभा सत्र में भी मामला उठाया गया है पत्र में सरकार की ओर से की गई घोषणाओं की जानकारी दी गई है महामंत्री सच्चिदानंद मिश्रा ने कहा है कि कई बार सरकार की ओर से बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई है लेकिन उसके बावजूद आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन बढ़ोतरी न होना बहुत ही चिंता का विषय बना हुआ है जिसके कारण 10 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी हीन भावना से ग्रसित हैं इतना ही नहीं यह कर्मचारी आकर्षित भी हो रहे हैं विधानसभा सत्र के दौरान की गई घोषणाओं का अनुपालन बिल्कुल भी ना किया जाना बेहद ही चिंता का विषय है साथ ही पत्र के जरिए मुख्यमंत्री जी से एक बार पुनः अपील की है कि प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18000 करते हुए उन सभी कर्मियों को वेतन बढ़ोतरी का लाभ दिया जाए।

सरकार की ओर से आउटसोर्स कर्मचारी के लिए बड़ी घोषणाएं हुई

आउटसोर्स कर्मचारी के लिए सरकार की ओर से कई बार बड़ी घोषणाएं की जा चुकी हैं वर्ष 2018 में आउटसोर्ड सेवा नियमावली की घोषणा होने के बाद इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया था वहीं 9 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री ने एसजीपीजीआई और केजीएमओ लोहिया में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन निर्धारण समिति का गठन का निर्देश दिया था जिसकी रिपोर्ट शासन के आने के बाद भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है 20 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थानों में भी आउटसोर्स कर्मचारी के वेतन निर्धारण को लेकर एक समिति गठित की गई थी रिपोर्ट 9 जून 2023 को शासन को भेज दी गई लेकिन 2 साल बाद भी इन आउटसोर्स कर्मचारी का शासनादेश जारी नहीं हुआ इसके बाद 21 फरवरी 2025 को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से बड़ी घोषणा की गई की आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18000 प्रति महीना दिया जाएगा और इसके लिए आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जाएगा लेकिन 6 महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक ना तो उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन हुआ है और ना ही आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है अब सभी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जवाब का इंतजार है।

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